‘Y2K’ बग: जब भारतीयों ने दुनियाभर के कंप्यूटरों में फूंकी जान!

‘Y2K’ बग: जब भारतीयों ने दुनियाभर के कंप्यूटरों में फूंकी जान! Y2K Problem बदलाव और निरंतरता प्राकृतिक तत्व हैं, इन्हें किसी भी प्रकार से रोका नहीं जा सकता. भौतिक संसार में समय का बढ़ते रहना उसी प्रकार सत्य है, जिस प्रकार सूरज से प्रकाश का निकलना. समय को पाबंद नहीं किया जा सकता! लेकिन एक समय दुनिया के सामने एक ऐसा मामला आया, जब ये मान लिया गया कि इससे पूरी दुनिया में कंप्यूटर संचार तंत्र प्रभावित हो जाएगा और कंप्यूटर खत्म हो जाएंगे. ये समय था जब पूरा संसार 20वीं सदी से 21वीं सदी में प्रवेश कर रहा था. नई सदी में प्रवेश लोगों में उत्साह लेकर आया, लेकिन अचानक ही वो खुशी कहीं उड़ गई. कारण था ‘वाई 2के’ बग, जो ये मानने को तैयार नहीं था कि 20वीं सदी अब खत्म हो चुकी है. इसने पूरे संसार के कंप्यूटर नेटवर्क को इसी गलतफहमी का शिकार बनाए रखा. ये समस्या केवल तब तक रही, जब तक भारतीय कंप्यूटर इंजीनियरों ने ऐसे कंप्यूटरों को 21वीं सदी का बनाकर नहीं छोड़ा. इसके पीछे भारतीयों का अथाह परिश्रम और मेहनत थी. तो आखिर क्या था ‘वाई 2के’ बग और कैसे भारतीय इंजीनियरों ने अमेरिका के ठप हो चुके नेटवर्क म...